लूना, बहादुर छोटी तारा"
Title: "लूना, बहादुर छोटी तारा"
Story:
बहुत दूर एक आकाश में, एक छोटी सी तारा थी जिसका नाम लूना था। लूना आकाश में सबसे चमकीली तारा नहीं थी और कभी-कभी उसे अकेलापन महसूस होता था। बाकी तारे बहुत चमकते थे, और चाँद हमेशा गर्व से चमकता रहता था। लेकिन लूना का एक बड़ा सपना था: वह आकाश में सबसे ज्यादा चमकना चाहती थी।
एक शाम, लूना ने एक साहसिक यात्रा पर जाने का फैसला किया। "मैं आकाश में सबसे चमकदार तारा बनने का राज़ ढूँढूंगी," उसने सोचा। उत्साह से भरी, वह अपने रास्ते पर चल पड़ी। उसने रंग-बिरंगे नेबुला के बीच से यात्रा की, दूर-दराज़ ग्रहों को पार किया, और रास्ते में कई दोस्ताना अंतरिक्ष जीवों से मिली। लेकिन चाहे उसने कितना भी यात्रा किया, लूना की चमक वैसी की वैसी रही। उसे हताशा महसूस होने लगी।
यात्रा करते-करते लूना एक पुराने, बुद्धिमान धूमकेतु से मिली जिसका नाम कॉस्मो था। "तुम इतनी उदास क्यों हो, छोटी तारा?" कॉस्मो ने पूछा।
"मैं ज्यादा चमकना चाहती हूँ, लेकिन चाहे मैं जो भी करूँ, मैं बस वैसी ही चमक रही हूँ," लूना ने जवाब दिया।
कॉस्मो मुस्कुराते हुए बोला, "लूना, सबसे चमकीली तारे सिर्फ इसलिए नहीं चमकते क्योंकि वे बहुत कोशिश करते हैं। वे इसलिए चमकते हैं क्योंकि वे खुद में विश्वास करते हैं और अपनी रोशनी दूसरों से साझा करते हैं।"
लूना ने कुछ देर सोचा और फिर महसूस किया कि कॉस्मो सही कह रहा था। उसने अब तक अपनी रोशनी किसी से साझा नहीं की थी। वह खुशी से उन सभी अंतरिक्ष जीवों की मदद करने लगी जिनसे वह रास्ते में मिली—उनकी राह रोशन करती, खोए हुए धूमकेतुओं को दिशा दिखाती और अकेले ग्रहों को सांत्वना देती। जैसे-जैसे उसने अपनी रोशनी साझा की, कुछ जादुई हुआ। लूना धीरे-धीरे और ज्यादा चमकने लगी, क्योंकि वह दूसरों को खुशी दे रही थी।
जब लूना आकाश में वापस लौटी, तो अब वह वह छोटी सी तारा नहीं रही, जो खोई हुई थी। वह अब एक चमकदार तारा बन चुकी थी, जो अपनी गर्मी और उजाले से रात को रोशन कर रही थी। उस रात के बाद, लूना जान गई कि उसकी असली रोशनी दूसरों की मदद करने और खुद पर विश्वास करने से आती है।
समाप्त।
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