महाकुंभ अमृत स्नान: मौनी अमावस्या पर भारी भीड़ से मची भगदड़, 13 अखाड़ों ने स्नान किया रद्द
महाकुंभ अमृत स्नान: मौनी अमावस्या पर भारी भीड़ से मची भगदड़, 13 अखाड़ों ने स्नान किया रद्द
प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ में मौनी अमावस्या के अवसर पर बड़ा हादसा हुआ। बुधवार को अमृत स्नान के लिए श्रद्धालुओं का विशाल सैलाब उमड़ा, जिससे संगम घाट पर भगदड़ जैसी स्थिति बन गई। इस अफरा-तफरी में कई श्रद्धालु घायल हो गए, जिन्हें तुरंत एंबुलेंस के जरिए अस्पताल पहुंचाया गया।
श्रद्धालुओं की भारी भीड़ से बिगड़े हालात
मौनी अमावस्या पर स्नान का विशेष महत्व होता है, इसलिए इस दिन संगम घाट पर लाखों श्रद्धालु इकट्ठा हुए। भीड़ इतनी अधिक हो गई कि प्रशासन के लिए व्यवस्था बनाए रखना चुनौतीपूर्ण हो गया। जैसे-जैसे श्रद्धालुओं का दबाव बढ़ा, भगदड़ जैसी स्थिति पैदा हो गई, जिससे कई लोग घायल हो गए। प्रशासन ने तत्काल हरकत में आते हुए घायलों को अस्पताल पहुंचाने के लिए ग्रीन कॉरिडोर तैयार किया।
13 अखाड़ों ने जनहित में स्नान किया रद्द
इस अप्रत्याशित स्थिति को देखते हुए सभी 13 प्रमुख अखाड़ों ने सामूहिक रूप से निर्णय लिया कि वे आज का अमृत स्नान नहीं करेंगे। अखाड़ों के साधु-संतों ने अपने शिविरों में वापस लौटने का फैसला किया, क्योंकि उनका मानना था कि ऐसे हालात में स्नान के लिए जाना व्यवस्थाओं को और अधिक प्रभावित कर सकता है।
प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती
महाकुंभ जैसे विशाल आयोजन में भीड़ प्रबंधन सबसे बड़ी चुनौती होती है। प्रशासन ने इस भगदड़ से निपटने के लिए तुरंत कदम उठाए और स्थिति को नियंत्रण में लाने का प्रयास किया। हालांकि, इस घटना ने कुंभ में भीड़ नियंत्रण की तैयारियों पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
श्रद्धालुओं से संयम बरतने की अपील
महाकुंभ के आयोजकों और प्रशासन ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे संयम बनाए रखें और किसी भी प्रकार की अफवाहों पर ध्यान न दें। महाकुंभ एक आस्था और श्रद्धा का पर्व है, लेकिन सुरक्षा भी उतनी ही आवश्यक है।
इस घटना ने दिखाया कि भीड़ नियंत्रण और सुरक्षा उपायों को और मजबूत करने की जरूरत है ताकि भविष्य में इस तरह की अप्रिय घटनाओं को रोका जा सके। फिलहाल, प्रशासन स्थिति पर नजर बनाए हुए है और आगे की व्यवस्था सुनिश्चित करने में जुटा हुआ है।
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